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शिवपुरी मैं प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किया ध्वजारोहण, परेड कि ली सलामी, स्कूली बच्चों ने किया देशभक्ति गानों पर नेत्र, 15 अगस्त 1947 का वह दिन जब देश आजाद हुआ उस दिन क्या हुआ..?

शुक्रवार, 15 अगस्त 2025

शिवपुरी मैं प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किया ध्वजारोहण, परेड कि ली सलामी, स्कूली बच्चों ने किया देशभक्ति गानों पर नेत्र, 15 अगस्त 1947 का वह दिन जब देश आजाद हुआ उस दिन क्या हुआ..?

 तिरंगे को सलाम करते मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी, पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़


 जय हिंद भारत माता की जय हो

‎शिवपुरी, आज शिवपुरी सहित पूरे देश में आजादी का 79वा अमृत महोत्सव मनाया गया, इसी कड़ी में शिवपुरी जिले में भी बड़े धूमधाम से आजादी महोत्सव मनाया गया, आजादी महोत्सव का कार्यक्रम पुलिस परेड ग्राउंड में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री व शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर मौजूद रहे, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ध्वजारोहण कर तिरंगा पहराया इसके बाद परेड की सलामी ली, मुख्यमंत्री का प्रदेश वासियों के लिए संदेश का वाचन किया गया, साथ ही देशभक्त के विभिन्न गीतों पर स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति दी,

‎ "एक नजर देश के प्रथम आजादी के दिन पर

‎15 अगस्त, 1947 को देश की आजादी स्वतंत्रता का सूर्योदय,'आधी रात को भारत ने नई सुबह देखी'एक साथ लोगो ने कहा आज से हम 'गुलाम' नहीं 'आजाद' हैं

‎"15अगस्त, 1947 की रात 12 बजे जैसे ही घड़ी की सुइयां मिली, पूरे भारत में 'आजादी' का बिगुल बज उठा। भारत ने 200 साल की ब्रिटिश गुलामी से आजादी पा ली थी।, इस ऐतिहासिक दिन पर, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया। इस अवसर पर उन्होंने अपना प्रसिद्ध 'नियति से साक्षात्कार' (Tryst with Destiny) भाषण दिया। उन्होंने कहा कि "बहुत साल पहले हमने नियति से एक वादा किया था, और अब समय आ गया है कि हम उस वादे को पूरी तरह से या काफी हद तक पूरा करें।"

‎यह आजादी रातों-रात नहीं मिली। हजारों देशभक्तों ने इसके लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है। महात्मा गांधी के 'अहिंसा' आंदोलन से लेकर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान तक, हर भारतीय ने इस आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया है।

‎दो देशों का जन्म: भारत और पाकिस्तान

‎आजादी के साथ ही, देश का विभाजन भी हुआ। भारत को दो हिस्सों में बांटा गया: भारत और पाकिस्तान। इस विभाजन के कारण लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा और उन्हें भयानक हिंसा का सामना करना पड़ा।

‎आजाद भारत का संविधान

‎स्वतंत्र भारत के लिए संविधान सभा का गठन किया गया था, जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। इसका मुख्य उद्देश्य भारत के लिए एक नया संविधान बनाना था।

‎"भविष्य की चुनौतियां

‎आजादी मिलने के बाद, भारत के सामने कई चुनौतियां थी। गरीबी, अशिक्षा और सामाजिक असमानता जैसी समस्याओं को खत्म करना नई सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी।

‎"गांधी जी की अपील

‎महात्मा गांधी ने देशवासियों से शांति और अहिंसा बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि "हम आजाद हुए हैं, लेकिन हमें अब भी अपने दिलों से नफरत को खत्म करना है। "खुशियां और उम्मीदें,

‎पूरे देश में आजादी का जश्न मनाया जा रहा है। लोग झंडे लेकर सड़कों पर निकल आए हैं और एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। हर चेहरे पर खुशी है और भविष्य के लिए नई उम्मीदें हैं। 

‎"आओ झुककर सलाम करें उनको, जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,

‎खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है।,

‎"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,

‎वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा।

‎​लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर,

‎भारत का नाम होगा सबकी जुबान पर।

‎"सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई हो 






























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