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गर्मी का सीजन शुरु,मिट्टी से बने मटके की कीमम अधिक

शुक्रवार, 29 मार्च 2024

शिवपुरी। गर्मी की दस्तक के साथ ही देशी फ्रिज मटका आमजन की प्यास बुझाने के लिए तैयार है। लेकिन महंगाई की मार ने इस बार गरीबों का फ्रिज कहलाने वाले मिट्टी के मटके को भी नहीं बख्शा। जो मटके पहले 40-50 रुपये में आसानी से उपलब्ध हो जाते थे वे अब 100-250 रुपये में मिल रहे है। गरीब तबका गला तर करने के लिए भी अब दोगुनी कीमत चुकाएगा। महंगाई की मार सहन कर रही जनता को अब देशी फ्रिज की बढ़ती कीमतें रुलाएंगी।

हर घर फ्रिज होने के कारण कई सालों से मटके का कारोबार मंदा चल रहा है  कुम्हार शहर के बाजार में दुकान लगाकर मटके बेचते थे। लेकिन  सालों से उनकी बिक्री काफी कम हो गई है । परंतु इस बार मटका व्यवसाय अब पुराने रौनक में आ गया है। बाजार में मटकों की बहुत सी दुकानें लगी हुई हैं। लेकिन इस बार कीमतों में काफी उछाल देखने को मिल रहा है।

शिवपुरी में छोटे से छोटा मटका 60 से 70 रुपये तक में मिल रहा है और घरों में इस्तेमाल होने वाले मटके की कीमत 100 से 250 रुपये तक हो गई है। मटका बेचने वालों ने बताया कि हम भी क्या करें, हम पर भी महंगाई की मार है। विदित हो कि पिछले साल अच्छे से अच्छा मटका 100 रुपये तक में सुलभ हो जाता था। मटके पकाने के ईधन हुआ महंगा

मटका निर्माण करने वाले कोमालिया  प्रजापति ने बताया कि मटके का व्यापार महंगा हो चुका है। पहले हाथ से चर्खी को घुमाकर मटके बनाए जाते थे। अब बिजली की मोटर का इस्तेमाल किया जाता है। पहले मिट्टी, भुस सहित कंडे की कीमत सस्ती पड़ती थी अब सब महंगा हो गया है। पहले हाथ ठेले पर मिट्टी के बर्तन बेचने ले जाते थे। अब टेक्सी को भाड़ा देकर मटके बाजार में पहुंचाते है और वही पहले गधे से मिट्टी को लाया जाता था अब बहनों का इस्तेमाल किया जाता है

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