बदरवास वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सब रेंज गणेश खेड़ा बीट के सोनपुरा गांव के जंगल का मामला कुछ अलग ही दिखाई दे रहा है, क्या अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है जंगल की जमीन को हड़पने का काम..? या फिर आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं अधिकारी...? लगभग डेढ़ माह पहले भी एक मामला सामने आया था जिसमे ग्वालियर लोकायुक्त टीम ने ₹20000 की रिश्वत लेते हुए एक को रंगे हाथ पकड़ लिया था यह रिश्वत एक किसान से ली जा रही थी, लेकिन अब जो मामला सामने आया है उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि अधिकारियों की मिलीभगत इसमें हो सकती है
क्या है पूरा मामला
सूत्रों की माने तो सुबह लगभग 9:00 बजे से जंगल में आग लगी और लगभग श्याम के 5:00 बजे तक जंगल में आग लगती रहती है इसके बावजूद भी किसी अधिकारी या कर्मचारी के द्वारा जंगल में आग बुझाने का प्रयास नहीं किया गया, बताया जाता है कि यह आग लगभग 200 बीघा जंगल मैं लगी हैं और जगल मैं मौजूद हरे भरे पेड़ो की लकडी जलकर खाक हो चुका है इसके अलावा यह भी बताया जाता है कि यहां पर 10 फरवरी को हजारों खेर के पेड़ों की कटाई की गई थी यहां पर जंगल को काटकर मैदान बनाया था उसी कक्ष क्रम में आज घास फूस को साफ करने के लिए किसी व्यक्ति द्वारा आग लगा दी गई है जंगल में आग लगते लगते लगभग 2 से ढाई किलो मीटर तक के क्षेत्र में आग पहुंच चुकी हैं लेकिन सवाल यहां पर वन विभाग के अधिकारियों से होता हैं सुबह 9:00 बजे आग लगती है और शाम को 5:00 बजे तक इस पर पूरी तरीके से काबू नहीं पाया जाता है ऐसा भी बताया जाता हैं और ना ही वहां पर मौजूद किसी वन विभाग के कर्मचारी के द्वारा इसको बुझाने का प्रयास किया जाता है जब इस पूरे मामले पर बदरवास रेंजर शैलेंद्र सिंह तोमर से फोन पर सवाल पूछे गए तो देखिए उन्होंने क्या कहा
सवाल - गणेश खेड़ा बीट के सोनपुरा गांव के जंगल में आग लगी है क्या कुछ कारण रहा हैं
जवाब - जंगल में आग के कई कारण होते हैं उन्हीं में से एक कोई कारण रहा है
सवाल - बताया जा रहा है कि एक डेढ़ किलोमीटर के दायरे में आग पहुंच चुकी थी
जवाब - एक डेढ़ किलोमीटर के दायरे में नहीं लगी है थोड़ी सी आग लगी है एक डेढ़ घंटे के अंदर आग बुझा दी गई थी
सबाल- बताया जाता है की यहां पर 10 फरवरी को पेड़ों की कटाई की गई थी
जवाब - आप को गलत बताया गया है कोई पेड़ों की कटाई नहीं की गई है

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