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जिला अस्पताल में महिला नर्श ने जडा प्रसूत्रा को थप्पड मारी पैर में कैची,गांली गलौच कर मूंह पर गंदा कपडा मारने की दी धमकी।

गुरुवार, 28 मार्च 2024
 जिला अस्पताल में महिला नर्श ने जडा प्रसूत्रा को थप्पड मारी पैर में कैची,गांली गलौच कर मूंह पर गंदा कपडा मारने की दी धमकी।
जिला अस्पताल शिवपुरी

शिवपुरी शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के बाद अब जिला अस्पताल में भी लोगों से बदतमीजी की जा रही है। दो दिन में दो केस सामने आये है जिसमें एक डिलीवरी वाली महिला और एक बुजुर्ग महिला शामिल है।

बताया जा रहा है कि जिला चिकित्सालय में एक नर्श ने सोमवार को डिलीवरी के लिए आई महिला में चाटा व उसके पैर में कैची मार दी। साथ ही महिला के साथ आये लोगों के साथ बदतमीजी भी की। दूसरा मामला एक बुजुर्ग महिला के उपचार का है जिसे 24 घंटे होने के बाद भी उपचार नहीं मिला था जब स्टाफ से डॉक्टर के बारे में पूछा गया तो स्टाफ ने बदतमीजी की।

शिवपुरी जिला अस्पताल में सोमवार को कोलारस थाना क्षेत्र के गौराटीला गांव की रहने आशा धाकड पति सतीश धाकड अपनी मां के साथ अपनी पत्नी आशा की डिलीवरी कराने के लिए सोमवार को जिला अस्पताल पहुंचा और आशा को डिलीवरी वार्ड में भर्ती करा दिया लेकिन लैसे ही आशा को लेवर वार्ड में ले जाया गया तो वहा मौजूद नर्शों ने उसकी मां व पत्नी के साथ बदतमीजी करना शुरु ​कर दिया जब महिला दर्द से तडप रही थी तो आशा की मां ने वहा मौजूद नर्शों से मदद करने के लिए कहा लेकिन वहा मौजूद नर्शो ने मदद तो नहीं की बल्कि मदद के नाम पर डिलीवरी वाली महिला व उसकी मां से बदतमीजी करते हुए प्रसूत्रा को चॉटा मार दिया और उसके पैर में कैची फैककर मार दी। लेकिन इसके बाद भी प्रसूत्रा की मां ने कुछ नहीं कहा लेकिन जब नर्श ने प्रसूत्रा की मां से बोला की आप बहार निकल जाओं तो प्रसूत्रा की मां ने बोला की एक व्यक्ति तो रह सकता है। जिस पर नर्श ने उसे एक बार जबरन बहार कर दिया फिर वह दुवारा अंदर आ गई। जैसे तैसे प्रसूत्रा आशा की डिलीवरी हो गई। इसके दो घंटें बाद उसे प्रसूत्रा वार्ड में ले जाया गया।

नर्शो ने इनके साथ भी की बदतमीजी, कहा गंदा कपडा तेरे मूंह पर मार दुंगी, यहां क्यों लेकर आई हो घर पर ही क्यों नहीं करवाई डिलीवरी

जिला अस्पताल में सोमवार को मनियर की रहने वाली मुस्कान रजक पति देवेन्द्र रजक अपनी मां ममता रजक के साथ मुस्कान को लेकर करीब 5 बजे जिला चिकित्सालय में पहुंचे जहा प्रासव वार्ड में भर्ती कराया गया इसके बाद करीब 7 बजें अधिक दर्द होने पर महिला को लेवर रुम में ले जाया गया। मामता रजक ने बताया कि जब मुस्कान को दर्ज हो रहा था तो रुम में मोजूद सभी नर्शे गुलाल लगा कर होली खेल रही थी जब उनसे मदद करने को कहा गया तो उन्होनें बदतमीजी करना शुरु कर दिया। महिला ने बताया कि जब मुस्कान के बच्चे की डिलीवरी का समय आया तो नर्शो ने हाथ भी नहीं लगाया दूर से ही खडी होकर देखती रही। जब डिलीवरी हो चुकी तब नर्शे आती है और कपडा मांगती है। तब घर से लाये हुए कपडे से ही नर्श बच्ची को उठाती है। नर्शेा ने प्रसव के दौरान होने वाली गंदगी को साफ करने के लिए भी कहा गया जो की महिला के साथ आई लेडिस ने ही साफ की। जब उससे कुछ कहा तो बोला गंदा कपडा तेरे मूंह पर मार दूंगी, यहां क्यों लेकर आई हो घर पर ही क्यों नहीं करवाई डिलीवरी साथ ही गाली गलौच करने लगी। जब दूसरे दिन इस मामले की शिकायत सिविल सर्जन डॉ बी.एल. यादव से की गई।

यहां समझे पूरा मामला

जिला अस्पताल में आने वाली महिलाओं का साथ तौर पर कहना है कि जब किसी डिलीवरी वाली महिला को जिला अस्पताल आया जाता है। तो वहा मौजूद नर्शो का व्यवहार उनके प्रति ठीक नहीं है। नर्शे बदतमीजी से लेकर डिलीवरी वाली महिला में चॉटा तक लगा देती है वही साथ में आये परिजनों से भी बदतमीजी से बात की जाती है जब महिला दर्द में तडपती है तो कोई भी नर्श उसकी मदद नहीं करती है। बलकि उसे मूंह बद करने को कहा जता र्है। अगर कोई क​हिला सौर करती हैं तो उसके साथ मारपीट व उसके मरिजनो के साथ गांली गलौच की जाती हैं। किसी महिला की हालत गंभीर रहती है तो ही प्रसव वाली महिला के साथ एक ही महिला को अंदर जाने दिया जाता है जबकि नियत यहां है कि दूसरी महिला भी सहायक के रूप में प्रसव कक्ष में जा स​कती है। जब प्रसव हो जाता हैं तो उसे महिला के घर से लाये गये कपडे से ही बच्चें को साफ किया जाता है। जब महिला को प्रसव के दौरान अधिक दर्द होता है। तो नर्शे उसका कोई सहयोग नहीं करती है और न ही तस्ल्ली देती है।

दूसरा महिला ट्रमा सेंटर का है यहां 24 घंटे के बाद ही एक बुजुर्ग महिला को उपचार नहीं मिलता हैं। डॉ स्टाफ से डॉक्टर की जानकारी ली जाती हैं तो स्टाफ बदतमीजी करने लगता हैं।

शिवपुरी जिला अस्पताल में मंगलवार को एक सडक हादसे में एक बुजुर्ग महिला घायल हो जाती है। जिसे उपचार के लिए जिला अस्पताल आया जाता हैं जहां 24 घंटे के बाद भी बुजुर्ग महिला को उपचार नहीं मिलता हैं। स्टाफ से डॉक्टर की जानकारी लेते हैं तो स्टाफ बदतमीजी करने लगता हैं। और हाथपाई का प्रयास ​करता है। मामले में सिविल सर्जन ने मरीज व उनके स्वजन की समझ पर ही सवाल खड़े कर दिए। सीएस का कहना है कि मरीज मेडिकल प्रैक्टिस को समझ तो पाता नहीं है और इस तरह की वहस करता है। मामले की शिकायत पुलिस को दर्ज कराई गई।

जानकारी के अनुसार सलैया निवासी गौराबाई पत्नी अंदूराम जाटव 25 मार्च को सड़क हादसे में घायल हो गई थी। महिला को उपचार के लिए जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। महिला को 26 मार्च को दोपहर 12 बजे तक जब उपचार नहीं मिला तो उसके स्वजन ने वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ से बात की तो नर्सिंग स्टाफ और महिला के स्वजन के बीच मुंहवाद हो गया। बुजुर्ग महिला के स्वजन का आरोप है कि इसके बाद अस्पताल के मेल नर्सिंग स्टाफ व वार्ड वॉय आ गए और उन्होंने बुजुर्ग महिला की बेटी चंद्रप्रभा से बदतमीजी करते हुए यहां तक कह दिया कि तेरी चमड़ी में भूसा भर देंगे। इसके अलावा आरोप है कि वार्ड व्याय व मेल नर्सिंग स्टाफ ने महिला के बेटे पवन के साथ धक्कामुक्की तक कर दी। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस और कलेक्टर के नाम पर दर्ज कराई गई। 

इसलिए नहीं मिला उपचार

इस पूरे मामले में जब बुजुर्ग घायल महिला से बात की गई तो उसे कल बिना डाक्टर के देखे भर्ती कर दिया गया और कल से अब तक कोई डाक्टर या नर्स ने नहीं देखा। एक डाक्टर आया और सिर्फ एक मरीज को देखकर लौट गया, उसकी मां बिना उपचार के पलंग पर लेटी रही। घायल महिला के अनुसार उसकी बेटी से स्टाफ ने पैसों की मांग की लेकिन नहीं दे पाए तो उसे वार्ड से बाहर निकाल दिया। बुजुर्ग महिला के अनुसार कल से हम यह सोच रहे थे कि छुट्टी के कारण उन्हें चिकित्सकीय स्टाफ नहीं देख रहा होगा, लेकिन जब आज डाक्टर उन्हें देखे बिना चला गया तो आपत्ति दर्ज कराई और विवाद हो गया।

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