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राजनीतिक संरक्षण के चलते कार्यवाही से बच रहे है जिला पंचायत सीईओ, ग्राम पंचायतो में करोड़ों का घोटाला, अभी तक नहीं हुई ठोस कार्यवाही

सोमवार, 8 अप्रैल 2024

जिन पंचायतों में बिना निर्माण कार्य के राशि आहरण की गई है वह पंचायते जिला पंचायत अध्यक्ष के क्षेत्र की

 उमराव मरावी
नेहा यादव 


रविन्द्र कुमार चौधरी 

शिवपुरी। बदरवास जनपद पंचायत के भीतर आने वाली ग्राम पंचायतों में बिना निर्माण कार्य के सरकारी राशि का सरपंच सचिव और रोजगार सहायकों ने आहरण किया है जब इस मामले का खुलासा हुआ तो फिर बात जिला प्रशासन के अधिकारियों पर आ गई मामले में जिला कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमराव मरावी और जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा अमित यादव आमने सामने आ गये मामला करीब एक सप्ताह पहले उजागर हो गया था लेकिन इस पूरे मामले में अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है

 खास बात यह है कि इस पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहे है जिला पंचायत सीईओ उमराव सिंह मरावी ने संचालक जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के पत्रो के आधार पर दोषी पंचायतों के रोजगार सहायकों को नोटिस जारी किया है। नोटिस में बताया गया है कि उन्होंने निर्माण कार्य सक्षम अधिकारी से निर्माण कार्य की तकनीकी प्रशासनिक स्वीकृति जारी किए बिना निर्माण कार्य पोर्टल पर प्रदर्शित कर दिए और राशि हड़प ली। इस आधार पर ग्राम बामौर खुर्द के रोजगार सहायक रमेश जाटव द्वारा 0.70 लाख का भुगतान कराया जाना पाया गया है। 

ग्राम पंचायत ढकरोरा के रोजगार सहायक कल्याण सिंह दांगी ने 5 निर्माण कार्यो की कुल राशि 05.73 लाख का भुगतान कराना पाया गया है, ग्राम पंचायत सडबूड के रोजगार सहायक दुर्गेश कोरी के पत्र क्रमांक 1217 में बताया गया है कि 10 निर्माण कार्यो की कुल राशि 05.73 लाख का भुगतान कराया पाया गया है। ग्राम पंचायत सुमेल मोहन सिंह यादव रोजगार सहायक के पत्र क्रमांक 1215 में 4 निर्माण कार्यो 08.42 लाख रुपए की राशि निकालना बताई गई है। ग्राम पंचायत कुटवारा के रोजगार सहायक जारी पत्र क्रमांक 1223 में छत्रपाल लोधी ने दो निर्माण कार्यो में कुल राशि 1.57 लाख रुपए की राशि निकाली गई है। वहीं ग्राम पंचायत लालपुर के रोजगार सहायक राघवेंद्र दांगी ने 5 निर्माण कार्यो में 12.96 लाख का भुगतान उल्लेखित है। 

ग्राम पंचायत देहरदा गणेश के नाम पत्र क्रमांक 1203 में परमाल सिंह दांगी द्वारा दो निर्माण कार्यो में कुल राशि 23.84 लाख रूपए खर्च की गई। ग्राम पंचायत बरोदिया के पत्र क्रमांक 1207 में रोजगार सहायक रंझोल सिंह ने दो निर्माण कार्यो की कुल राशि 23.84 लाख रूपए खर्च करना बताया गया। ग्राम पंचायत तिलातिली के पत्र क्रमांक 1211 के द्वारा रोजगार सहायक भरत यादव ने कुल राशि 52.30 लाख रुपए 12 निर्माण कार्यो पर निकालना बनाए हैं। कुल मिलाकर 9 रोजगार सहायकों को जिला पंचायत सीईओ ने दोषी माना है साथ ही यह भी बताया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बदरवास के माध्यम से तृतीय सूचना पत्र देने के बाद भी ग्राम पंचायतों द्वारा मूल अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए है। समय सीमा व्यतीत होने के बाद भी रोजगार सहायकों द्वारा उक्त कार्यो से संबंधित नस्ती पेश नहीं किए जाने के कारण यह कार्यवाही की गई है।

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भ्रष्टाचार में लिप्त पंचायतों की जिला स्तरीय कमेटी करेगी जांच
बदरवास में लगभग दो दर्जन ग्राम पंचायत नरेगा घोटाले में लिप्त पाई गई हैं इन पंचायत की आठ सदस्यीय कमेटी गठित की गई है जिसमें चार सदस्य जिला स्तर के तैनात किए गए हैं। इन सभी के माध्यम से जांच कराई जाएगी और दोषी पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायकों के साथ-साथ सरपंचों के विरुद्ध भी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

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11 पंचायतों को अभयदान, कटघरे में प्रशासन
वहीं राजनीतिक संरक्षण प्राप्त 11 पंचायतों को इस कार्यवाही से दूर रखा है। प्रशासन की इस कार्यवाही पर सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं। खास बात यह है कि कार्यवाही से इन 11 पंचायतों में से कुछ पंचायतों पर जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों का सीधा संरक्षण प्राप्त है। इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ उमराव मरावी ने शेष पंचायतों को नोटिस जारी करने की बात कही है और कहा है कि जल्द से जल्द इन्हें नोटिस जारी किए जाऐंगे।

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ज़िला पंचायत अध्यक्ष ने सीईओ पर लगाए आरोप
जिला पंचायत सीईओ उमराव मरावी द्वारा 9 पंचायतों को नोटिस जारी किए हैं जबकि 11 पंचायतों के खिलाफ नोटिस तैयार है सीईओ की इस कार्यवाही को जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव ने चुनौती दी है और कहा है कि जिला कमेटी की बैठक में 15 पंचायतों पर कार्यवाही करना तय हुआ था, लेकिन सभी बीस पंचायतों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जिनमें पांच पंचायतें ऐसी है जिनकी भ्रष्टाचार की कोई संलिप्तता नहीं है। मैं इस मुद्दे को आगामी जिला कमेटी की बैठक में रखूंगी। चूंकि मामले में नोटिस जारी हो चुके हैं और जांच चल रही है इसलिए मैं इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कह सकूंगी।

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मामले पर क्या बोले कलेक्टर
इस पूरे मामले पर कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने कहा है कि मेरे द्वारा जनपद सीईओ के खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन को पत्र लिखा गया है वहीं तीन संविदा कर्मियों को बर्खास्त करने की कार्यवाही की गई र्है साथ ही जिला पंचायत सीईओ को भ्रष्टाचार में संलिप्त पंचायतों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। जिनमें से 9 को प्रारंभिक तौर पर नोटिस जारी किए गए हैं शेष 11 पंचायतों पर भी कार्यवाही की जाएगी। किसी भी भ्रष्टाचारी को नहीं छोड़ा जाएगा। इसके लिए मैने जिला पंचायत सीईओ को नियुक्त किया है और कमेटी का गठन किया है जो जांच कर रही है।

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