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अवैध उत्खनन को लेकर ओबीसी महासभा ने कलेक्टर के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023



अवैध उत्खनन को लेकर ओबीसी महासभा ने कलेक्टर के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन  

 करैर/अनुविभाग में अवैध उत्खनन का कारोबार इस तरह से फल फूल रहा है जिसको रोकने वाला अब कोई नहीं बचा। इस अवैध उत्खनन से करेरा नगर व ग्रामीण अंचल की जीवनदायिनी महुअर नदी का सीना छलनी करके पनडुब्बियों एलएनटी आदि मशीनों का उपयोग कर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जिस पर स्थानीय राजनेताओं, जनप्रतिनिधियों सहित जिले व तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों ,थाना प्रभारियों की मिलीभगत के चलते प्रतिदिन सैकड़ों बड़े-बड़े डंपर, ट्रोला, टोकन के माध्यम से निकाले जा रहे हैं। जो शिवपुरी एवं गुना मुख्यालय पर दिनदहाड़े रेत की मंडी लगाकर बैठे हैं। यहां तक की उक्त डंपर व ट्रैक्टर संचालकों द्वारा बिना नंबरों, बिना रजिस्ट्रेशन के वाहनों से यह अवैध व्यापार किया जा रहा है। इसको लेकर ओबीसी महासभा के दर्जन भर से अधिक नव युवकों ने एक ज्ञापन जिला कलेक्टर के नाम स्थानीय प्रशासन तहसीलदार अजय परसेड़िया को सौंपा है। ज्ञापन में टोकन की प्रतियां भी संलग्न की गई है।ज्ञापन देते हुए जितेन्द्र लोधी ने मांग की है कि अवैध उत्खनन को यदि 4 दिवस के अंदर बंद नहीं किया गया तो हम जिला प्रशासन का घेराव कर अवैध उत्खनन के खिलाफ अपनी मांग रखेंगे। रोहित यादव ने एक वक्तव्य में बताया कि जब प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का महीना नहीं पहुंचता है तो वह कार्रवाई करवा कर माफिया को धमका देते हैं ।और मंथली मिलते  ही रेत माफिया को ढील दे देते हैं। जिससे वह फिर रेत का अवैध कारोबार करने लगते हैं। रेत के अवैध उत्खनन के चलते ग्रामीण क्षेत्र के मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं लोगों का जनजीवन, दूभर हो गया है यहां तक कि पर्यावरण विभाग सहित खनिजविभाग भी करेरा क्षेत्र की रेत खनन को लेकर मौन बैठे हैं। जबकि एनजीटी विभाग मुरैना की चंबल नदी सहित पूरे देश में अपना परचम फहराया हुए हैं। परंतु  ना जाने वह क्यों करेरा क्षेत्र में अपने हाथ बांधे खड़ी हुई है ।ओबीसी महासभा सहित नव युवकों ने अवैध उत्खनन को लेकर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि हम यह अवैध उत्खनन होने नहीं देंगे चाहे इसके लिए हमें कुछ भी करना पड़े क्योंकि इस अवैध उत्खनन के कारण प्रदूषण सहित पर्यावरण खराब हो रहा है। जनजीवन संकट में है यहां तक कि शासन को भी लाखों रुपए प्रतिदिन के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है ।सोनचिरैया अभ्यारण रहते उनका भय बना हुआ था परंतु सोनचिरैया अभ्यारण हटते ही यह भूमि राजस्व क्षेत्र में आ गई है और अब कृषि भूमि को भी खाई बना कर रख दिया है ।शासकीय भूमि तो कहीं बची हुई ही नहीं है। जहां उत्खनन ना हो रहा हो ।अब तो निजी भूमि भी उत्खनन में भारी मात्रा में उपयोग में आ रही है।

ज्ञापन देने वालों में जीतेन्द्र लोधी प्रदेश अध्यक्ष,रामनिवास परिहार, बंटी गुर्जर,राजेश लोधी, शैलेन्द्रसिंह यादव, रज्जनसिंह यादव,वकील सिंह रावत

सहित दर्जनों नव युवक थे।

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