करैरा पिछोर वन विभाग में बैखोफ अवैध कारोबारी कहीं पूर्व रेंजर अनुराग तिवारी की देन तो नहीं...? क्या डीफओ सुधांशु यादव से बडे हो गए रेंजर रिशव, लक्षमण सिंह मीणा...? जिस व्यक्ति से डीफओ ने प्लाटेशन की 90 बीघा जमीन कराई कब्जा मुक्त उसी को सौप दी प्लांटेशन की सुरक्षा की जिम्मेदारी, आखिर क्यो रेंजर लक्षमण सिंह मीणा प्लांटेशन की 10 बीघा जमीन को बीकेश पाल से अतिक्रमण मुक्त नही करा पा रहे है..?
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शिवपुरी। जिले के करैरा पिछोर वन विभाग के अंतर्गत वर्तमान समय में भयानक स्थिति बनी हुई है दोनो रेंजो में वन विभाग क्षेत्र में पेडो की कटाई से लेकर अवैध रेत व पत्थर फर्सी प्लाटेशन को नष्ट करने जैसे कई मामले सामने आए है मामले इतने खतरनाक है कि कुछ दिन पहले वन विभाग से अवैध रेत का उत्खनन कर रहे माफियाओ पर कार्यवाही करने पहुचें रेजर लक्षमण सिंह मीणा से भी जेसीबी चुढाने का प्रयास किया गया, लेकिन रेजर ने बहादुरी दिखाते हुए दो हर्ष फायर किए और माफियाओ की दबंगाई के आगे हार नही मानी, इस प्रकार की घटना की नौवत क्यो आई इसकी असली बजह की अगर बात की जाए तो इस मामले में वर्तमान रेंजरो की कोई गलती नही है। पूर्व में करैरा पिछोर दोनो रेंजो का चार्ज करीब 3 से 4 साल तक अनुराग तिवारी पर था लम्बा समय होने के चलते अनुराग तिवारी के कार्यकाल में कई अवैध कार्य वन विभाग क्षेत्रो से जारी रहे लेकिन अब दोनो रेंजो में नए रेंजरो ने कमान संभाली है इसलिए रेत माफियाओ से लेकर अन्य कई अवैध काम करने वाले लोग प्रशासन पर हावी नजर आ रहे है शायद इसी का कारण है कि इस प्रकार की घटना करने का दुशाहास रेत माफियाओ के द्धारा किया गया।
डीफओ से बडे हो गए रेंजर लक्षमण सिंह मीणा
करैरा रेंज की मामोनी बीट में पेडो की कटाई से लेकर अतिक्रमण व प्लाटेशन की सुरक्षा की चूक जैसे कई मामले सामने आए है ऐसा नही है कि मामले की शिकायत बरिष्ट अधिकारियो तक नही की गई हो खास बात तो यह है कि मामलो की शिकायत बरिष्ट अधिकारियो को करने के बाद भी जिम्मेदारो के द्धारा कार्यवाही नही की गई। अतिक्रमण की बात करे तो अतिक्रमण को लेकर तो रेंजर लक्षमण सिंह मीणा डीफओ से भी बडे हो गए है उन्होने डीफओ का कहना ना मानते हुए अतिक्रमणकारी को ही प्लाटेशन की सुरक्षा की जिम्मेदारी दे दी है। शिकायत होने के बाद भरोसा दिया कि उसे हठा दिया जाएगा लेकिन ऐसा नही हुआ। वन विभाग के कक्ष क्रमाण 1036 में करीब 100 बीघा प्लाटेशन की जमीन में से 10 बीघा में अभी भी वीकेश पाल व उसके परिवार ने कर रखा है कब्जा, डीफाओ ने कई बार जमीन को कब्जे से मुक्त कराने को रेजर व डिप्टी से कहा। इस बीट में पेडो की कटाई का भी वीडियो इससे पहले सामने आया था
अतिक्रमणकारी को ही दे दी प्लाटेशन की सुरक्षा की जिम्मेदारी
मामोनी बीट में वन विभाग की करीब 90 से 100 बीघा जमीन पर वीकेश पाल नाम के एक व्यक्ति ने कब्जा कर रखा था लेकिन जब स्थानीय लोगों ने इस मामले की शिकायत जनसुनवाई में और मीडिया से की तो इस मामले को मीडिया ने हाईलाइट किया, इसके बाद डीफओ सुधांशु यादव के निर्देश पर मामोनी बीट की करीब 80 से 90 बीघा जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया था लेकिन इसके बाद भी करीब 10 बीघा जमीन पर अभी भी विकेश पाल के द्वारा कब्जा कर कच्चे मकान बना रखे हैं जिसमें भूसा आदि सामान भरा हुआ है कब्जा मुक्त कराई जमीन पर वन विभाग ने प्लांटेशन कर दिया है लेकिन खास बात तब सामने आई जब उसी प्लांटेशन की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी उसी व्यक्ति को दी गई जिस व्यक्ति से इस जमीन को मुक्त कराया है।
इस मामले के अलावा भी करेरा बन परिक्षेत्र के अंतर्गत वन विभाग की जमीन से अवैध उत्खनन कर रेत पत्थर व पारसी निकाली जा रही है कई बार मामले की शिकायत डिप्टी रेंजर से लेकर रेंजर लक्ष्मण सिंह मीणा तक की गई है लेकिन इसके बाद भी मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई है अब देखना होगा कि इस मामले में क्या कोई कार्रवाई होती है या फिर इसी तरह वन विभाग की जमीन पर दबंग कारोबार करते रहेंगे..?
यहां मजदूरो के पेट पर लात मारी जा रही
करैरा वन परिक्षेत्र के आर एफ 414 व 418 में भी प्लाटेशन के काम में भारी अनियामित्ताएं वर्ती जा रही है यह पर्यावर्ण को नुकसान पहुचाकर मजदूरो के पेट पर लाट मार कर नियम विरुध्द मशीनो से बॉउड्री बॉल का काम किया जा रहा है ऐसा कर वन संपदा को चुकशान कर भ्रष्टाचारी की जा रही है। इसके अलावा बीट दियावली में भी मशीनो के द्धारा काम कार्य किया जा रहा है।




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