बदहाल शिक्षा व्यवस्था
स्कूल ना खुलने से 300 रू प्रतिमाह में बच्चो को टयूशन पढाने को मजबूर आदिवासी
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शिवपुरी। जिले में शिक्षा व्यवस्था बदहाल हालत में है शिकायत या फोन करने पर जिला शिक्षा अधिकारी फोन रिसीव नहीं करते है जिले में शिक्षक अपनी मनमर्जी कर रहे है हालात ऐसे है कि शिक्षक एक एक महिने स्कूल नही जा रहे है और घर बैठकर ही अपनी सैलरी पा रहे है कुछ ऐसे शिक्षक है जो कभी शिक्षक स्कूल पहुंचते है तो कभी नही, ताजा मामला शिवपुरी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सूढ के शिवनगर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय का है यहां आदिवासी परिवार के करीब 50 से 70 बच्चे मौजूद है लेकिन स्कूल न खुलने की वजह से आदिवासी अपने बच्चो को प्राइवेट ट्यूशन से 300 रुपये प्रति माह फीस देकर बढाने को मजबूर है गांव वालो ने बताया कि केवल झंडा बंदन को स्कूल खुलता है। अभी पिछली बार दिवाली को खुला था इसके बाद से अभी तक नही खुला है यहा दो शिक्षक पदस्थ बने हुए है जिसमें मैघा पाराशर और राजेश दोनो शिक्षक है यह शिक्षक फ्री की घर बैठकर सैलरी पा रहे है विभाग में अन्य अधिकारी कर्मचारी क्या कर रहे है सरकार ने विभाग में किसी को निरीक्षण करने का पावर नही दिया है या फिर अधिकारी ऐसी की हवा में बैठकर ही अपनी सैलरी पाने के लिए नौकरी कर रहे है। शिक्षा विभाग में हालात सुधारने के लिए केवल एक माह का समय ही काफी है अगर कोई जिला शिक्षा अधिकारी ईमानदारी से अपना कार्य करता है और लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही करता है तो केवल एक माह में ही हालात सुधारे जा सकते है। शिक्षा के ऐसे हालात अन्य कई ब्लॉक में भी बने हुए है और विभाग के अधिकारी नींद में सो रहा है। पिछले डीईओ की बात करे तो एक रंगबाजी में सस्पेंड होकर चले गए दूसरे भ्रष्टाचार व शिक्षा का स्तर गिरने पर डिमोशन होकर स्थानांतरण हो गया अब तीसरे आखो पर पटटी बांध कर बैठे है।


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